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Home»Festival Of Islam»Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi (ईदुल फित्र नमाज़ का तरीका हिन्दी में)
Festival Of Islam

Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi (ईदुल फित्र नमाज़ का तरीका हिन्दी में)

By PedroApril 11, 202311 Mins Read
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Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi
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Hello दोस्तों आज के इस Blog Post में आप का स्वागत है! आज हम Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi में जानने की कोशिश करेंगे! और Eid से जुड़ी हुई बहुत सी ख़ास ख़ास बातें भी पुरी तफसील के साथ जानने की कोशिश करेंगे! तो आख़िर तक हमारे साथ बने रहें!

Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi

इस्लाम धर्म में मुसलमान Ramadan Mubarak के महीने में Roza रखने के बाद एक धार्मिक ख़ुशी का तेहवार मनाते हैं जिसे Eid-Ul-Fitr कहा जाता है ये तेहवार मुसलमान Ramadan के महीने के बाद आने वाले महीने “शवाल” के एक तारीख़ को मनाते हैं! 

आलमे इस्लाम का ये एक धार्मिक तेहवार है जो के इस बात की तरफ़ इशारा करता है के अब Ramadan का महीना ख़त्म हो चुका है और हर साल बड़ी धूम धाम से एक “शवाल” को ईद मनाया जाता है जब के “शवाल” इस्लामी Calendar का दसवाँ महीना है! तो चलिए वक्त को बर्बाद किए बगैर अपने अस्ल टॉपिक की तरफ़ बढ़ते हैं!

Eid Ul Fitr Ki Niyat In Hindi

मैं नीयत करता हूँ दो रकअत नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र की, साथ छः ज़ायेद तकबीरों के, वास्ते अल्लाह ताला के, पीछे इस ईमाम के, मुँह मेरा काबा शरीफ़ के तरफ़ अल्लाहु अकबर!

Eid Ul Fitr Ki Niyat In English

Main Niyat Karta Hun Do Rakat Namaz Eid Ul Fitr Ki, Sath Chhah Zayed Takbiron Ke, Waste Allah Tala Ke, Pichhe Es Imam Ke, Munh Mera Kaba Sharif Ke Taraf Allahu Akbar.

Eid Ul Fitr Ki Niyat In Arabic

نويت أن أصلي لله تعالى ركعتي صلوة عيد الفطر مع ستة تكبيرات زائدة واجبا لله تعالى متوجها إلي جهة الكعبة الشريفة الله أكبر-

Eid Ki Namaz Ki Niyat In Urdu 

میں نیت کرتا ہوں دو رکعت نماز عید الفطر کی، ساتھ چھہ زائد تکبیروں کے، واسطے اللہ تعالیٰ کے، پیچھے اس اِمام کے، منہ میرا کعبہ شریف کے طرف اللہ اکبر۔

Eid Ki Namaz Ka Tarika In Hindi

Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi 2

ईद की नमाज़ का तरीका हम दो तरीकों से आप को समझाने की पुरी कोशिश करेंगे! एक Simple लिख कर और दूसरा Step By Step तो आये जानते हैं सबसे पहला तरीका Simple लिख कर!

1. ईद की नमाज़ की नीयत करने के बाद ईमाम तकबीर कह कर हाथ बाँध कर सना पढ़ेगा, हमे भी तकबीर कह कर हाथ बाँध कर सना पढ़ लेना है, इसके बाद तीन ज़ायेद तकबीर होंगी, पहली तकबीर कह कर हाथ कानो तक उठा कर छोड़ देना है, दूसरी तकबीर कह कर हाथ कानो तक उठा कर छोड़ देना है, तीसरी तकबीर कह कर हाथ कानो तक उठा कर बाँध लेना है!

इसके बाद ईमाम केराअत करेगा यानी सूरह फ़ातिहा और कोई सूरह पढ़ेगा और रुकूअ सजदह कर के पहली रकअत मुकम्मल हो जाएगी!

2.दूसरी रकअत के लिए खड़े होते ही ईमाम केराअत करेगा यानी सूरह फ़ातिहा और कोई सूरत पढ़ेगा! उसके बाद रुकूअ में जाने से पहले तीन ज़ायेद तकबीर होंगी, पहली तकबीर कह कर हाथ कानो तक उठा कर छोड़ देना है, दूसरी तकबीर कह कर हाथ कानो तक उठा कर छोड़ देना है, तीसरी तकबीर कह कर हाथ कानो तक उठा कर छोड़ देना है, यहाँ तक तीन ज़ायेद तकबीर मोकम्मल हो गई! अब इसके बाद बग़ैर हाथ उठाए तकबीर कह कर रुकूअ में जाएंगे! और बस अब आगे की नमाज़ दूसरी नमाज़ों की तरह पढ़ना है फिर सलाम फेर लेना है! 

Eid Ul Fitr Ki Namaz Ka Tarika In Step By Step

👉1.नीयत करे!

👉2.फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर   कह कर हस्बे मामूल नाफ़ के नीचे हाथ बाँध लें!

👉3.सना पढ़े!

👉4.फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ लटका दें!

👉5.फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ लटका दें!

👉6.फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर   कह कर हस्बे मामूल नाफ़ के नीचे हाथ बाँध लें!

👉7.इसके बाद ईमाम केराअत करेगा यानी सूरह फ़ातिहा और कोई सूरह पढ़ेगा और रुकूअ सजदह कर के पहली रकअत मुकम्मल हो जाएगी!

👉8. फिर दूसरी रकअत के लिए ईमाम खड़ा होगा और केरत करेगा!

👉9. फिर तीन बार कानो तक हाथ उठा कर अल्लाहु अकबर कहे और हाथ न बाँधे और चौथी बार बगैर हाथ उठाए अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकूअ में जाए!

👉10. बाक़ी नमाज़ दूसरी नमाज़ों की तरह पूरी करें और सलाम फेर लें!

Eid Ki Namaz Kis Par Wajib Hai

ईद की नमाज़ वाजिब है लेकिन ईद की नमाज़ पढ़ना सारे लोगों पर वाजिब नहीं है सिर्फ़ उन्ही लोगों पर पढ़ना वाजिब है जिन पर जुम्मा वाजिब है! ईद की नमाज़ में न अज़ान है और न ही अक़ामत!

Eid Ki Namaz Ka Waqt Kya Hai

ईद की नमाज़ का वक़्त सूरज के ब-क़दरे एक नेज़ह बुलंद होने यानी सूरज निकलने के 20 मिनट के बाद से ज़हवह कोबरा यानी निस्फुन नहार शरई तक है मगर ईद की नमाज़ में देर करना मुस्तहब है!

Eid Ki Fazilat In Hindi

Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi 3

1.अल्लाह के नबी प्यारे आक़ा सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया के जो ईदैन की रातों में कयाम करे, उसका दिल न मरेगा, जिस दिन लोगों के दिल मारेंगे (सुनन इब्ने माजा)

2.अल्लाह के नबी प्यारे आक़ा सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया के जो पाँच रातों में शब बेदारी करे यानी रातों को जागे उसके लिए जन्नत वाजिब है जिलहिज्जाह की आठवीं, नौमीं, दसवीं रातें और ईदुल फित्र की रात और शाबान की पन्द्रहवीं रात यानी शबे बारात (अत्तरतिब वत-तरहिब)

3. अबु दाऊद अनस रज़िअल्लाहु ताला अन्हो से रवायत है के हुज़ूर अक़दस सल्लाहो अलैहि वसल्लम जब मदीना में तशरीफ़ लाए, उस ज़माने में मदीना वाले साल में दो दिन खुशी मनाते थे (महरगान व निरोज़) तो मेरे आक़ा ने फरमाया ये क्या दिन हैं? तो लोगों ने अर्ज़ की, जाहिलियत में हम इन दिनों में ख़ुशी मानते थे, तो आप ने फरमाया अल्लाह ताला ने इनके बदले में इन से बेहतर दो दिन तुम्हे दिए, ईद और बक़रीद का दिन (सुनन अबी दाऊद)

5. हुज़ूर सल्लाहो अलैहि वसल्लम ईदुल फित्र के दिन कुछ खा कर नमाज़ के लिए तशरीफ़ ले जाते और बक़रीद के दिन कुछ भी न खाते जब तक नमाज़ न पढ़ लेते (जामे तिर्मिज़ी)

6. हज़रते अबु हुरैरा रज़िअल्लाहु ताला अन्हो से रिवायत है के आप सल्लाहो अलैहि वसल्लम ईद के दिन नमाज़ पढ़ने के लिए एक रास्ते से तशरीफ़ ले जाते और दूसरे रास्ते से वापस आते (जामे तिर्मिज़ी)

ईद और जुमा की नमाज़ में क्या अंतर है?

ईद और जुम्मे की नमाज़ में अंतर ये है कि जुम्मा की नमाज़ में ख़ुत्बा शर्त है और ईदैन की नमाज़ में सुन्नत है, अगर जुम्मा की नमाज़ में ख़ुत्बा न पढ़ा तो जुम्मा न हुआ लेकिन ईदैन की नमाज़ में न पढ़ा तो नमाज़ हो गई मगर बुरा किया!

दूसरा फ़र्क़ ये है कि जुम्मा की नमाज़ का ख़ुत्बा नमाज़ से पहले है और ईदैन की नमाज़ का ख़ुत्बा नमाज़ के बाद है, अगर पहले पढ़ लिया तो बुरा किया लेकिन नमाज़ हो जाएगी लौटाई नही जाएगी और ख़ुत्बा भी नहीं दोहराया जाएगा!

ईद के दिन क्या क्या करना चाहिए?

ईद के दिन ये सारे काम करना मुस्तहब है यानी के करने में सवाब है और अगर न कर पाया तो कोई गुनाह नही!

👉1. हजामत बनवाना

👉2. नाख़ून काटना

👉3. ग़ुस्ल करना

👉4. मिस्वाक करना

👉5. अच्छे कपड़े पहनना, नया हो तो नया वरना धुला हुआ

👉6. अँगूठी पहनना

👉7. ख़ुशबू लगाना

👉8. सुबह की नमाज़ मस्जिद मोहल्ला में पढ़ना

👉9. ईदगाह जल्दी चले जाना 

👉10. नमाज़ से पहले सदक़ा ए फ़ित्र अदा करना 

👉11. ईदगाह को पैदल जाना

👉12. दूसरे रास्ते से वापस आना

👉13. नमाज़ पढ़ने जाने से पहले कुछ ख़जूरें खा लेना 

👉14. खुशी ज़ाहिर करना

👉15. कसरत से सदक़ा देना

👉16. ईदगाह को इत्मीनान व वक़ार और नीची निगाह किए जाना

👉17. आपस मे मुबारकबाद देना मुस्तहब है

ईद की अधूरी जमाअत मिले तो क्या करे?

Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi 4

 पहली रकअत में ईमाम के तकबीर कहने के बाद मुक़तदी शामिल हुआ, तो उसी वक़्त तकबीर तहरिमा के ऐलावाह मज़ीद तीन तकबीरें भी कह लें, अगर चे ईमाम ने केरत शुरू कर दी हो, और तीन ही कहे, अगर चे ईमाम ने तीन से ज़्यादह कही हों, और अगर उसने तकबीर न कहीं के ईमाम रुकूअ में चला गया, तो खड़े खड़े न न कहे, बल्के ईमाम के साथ रुकूअ में जाए, और रुकूअ में तकबीर कह ले!

और अगर ईमाम को रुकूअ में पाया, और ग़ालिब गुमान है के तकबीरें कह कर ईमाम को रुकूअ में पा लेगा, तो खड़े खड़े तकबीर कहे, फिर रुकूअ में जाए, वरना अल्लाहु अकबर कह कर रुकूअ में जाए, और रुकूअ में तकबीर कहे, फिर अगर उसने रुकूअ में तकबीर पूरी न कि थी के ईमाम ने सर उठा लिया, तो बाक़ी साकित हो गई यानी बाक़ी तकबीर अब न कहे, और अगर ईमाम के रुकूअ से उठने के बाद शामिल हुआ, तो अब तकबीरें न कहें, बल्के ईमाम के सलाम फेरने के बाद जब अपनी बकिया पढ़े उस वक़्त कहे! 

और रुकूअ में जहाँ तकबीर कहना बताया गया, उस मे हाथ न उठाए और अगर दूसरी रकअत में शामिल हुआ, तो पहली रकअत की तकबीरें अब न कहे, बल्के जब अपनी फौत शुदा पढ़ने खड़ा हो, उस वक़्त कहे! दूसरी रकअत की तकबीरें अगर ईमाम के साथ पा जाए, तो बेहतर वरना उसमे भी यही तफसील है जो पहली रकअत के बारे में ज़िक्र किया गया!

ईद की नमाज़ न मिली तो क्या करें?

ईमान साहब ने ईद की नमाज़ पढ़ा दी और कोई आदमी बाक़ी रह गया नमाज़ पढ़ने से या वो ईद की नमाज़ में शामिल तो हुआ लेकिन उसकी नमाज़ किसी कारण से फासिद यानी के टूट गई तो अगर दूसरी जगह जमाअत मिल जाए तो पढ़ ले वरना बगैर जमाअत के अकेला नहीं पढ़ सकता! हाँ ऐसे आदमी के लिए बेहतर यह है के वो चार रकअत चाशत की नमाज़ पढ़ ले! (दुर्रे मुख़्तार)

नमाज़े ईद के ख़ुत्बे का हुक्म हिन्दी में

ईद के नमाज़ के बाद ईमाम दो ख़ुत्बा पढ़े और जुम्मा के ख़ुत्बा में जो चीज़ें सुन्नत हैं ईद के ख़ुत्बे में भी सुन्नत हैं और जो वहाँ मकरूह है वो यहाँ भी मकरूह है! सिर्फ़ दो बातों में अंतर है एक ये के जुम्मा के पहले ख़ुत्बे में पहले ख़ुत्बा पढ़ने वाले का बैठना सुन्नत था और ईद के ख़ुत्बा में पहले न बैठना सुन्नत है! दूसरा ये के ईद के ख़ुत्बे में ख़ुत्बा पढ़ने वाले को ख़ुत्बा पढ़ने से पहले 9 बार और दूसरे ख़ुत्बे से पहले 7 बार और मिम्बर शरीफ से उतरने से पहले 14 बार अल्लाहु अकबर कहना सुन्नत है जब के जुम्मा के ख़ुत्बे में नही है!

जुम्मा को ईद हो तो कैसा है?

जुम्मा मुबारक का दिन और ईद का दिन दोनो बहुत ही मुबारक हैं और इनका एक दिन में जमा हो जाना बरकत में इज़ाफ़े का बाइस है! हुज़ूर सल्लाहो अलैहि वसल्लम के मुबारक ज़माने में भी ईद और जुम्मा एक दिन जमा हुए हैं आप सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इन्हें मनहूस नहीं जाना! 

हज़रते सैयदना नोमान बिन बशीर रज़िअल्लाहु ताला अन्हो से रिवायत है कि नबी करीम सल्लाहो अलैहि वसल्लम ईदैन और जुम्मा की नमाज़ में (سبح إسم ربك الاعلي ) और (هل اتك حديث الغاثية ) पढ़ते थे जब ईद और जुम्मा एक दिन में जमा हो जाते तब भी यही दोनो सुरतें दोनो नमाजों में पढ़ते थे!

इस हदीसे पाक के तहत हज़रत मुफ्ती अहमद यार खाँ अलैहि रहमा फरमाते हैं के इस से चंद मसले मालूम हुए एक ये के ईद और जुम्मा जमा हो जाएं तो नमाज़े ईद कि वजह से नमाजे जुम्मा माफ़ नहीं हो जाएगी ये हर हालत में फर्ज़ रहेगी! हज़रते उस्मान गनी रज़िअल्लाहु ताला अन्हो ने अपने दौरे खेलाफत में नमाज़े ईद के बाद फरमाया था जुम्मा की नमाज़ के लिए जो चाहे ठहरे जो चाहे चला जाए ये उन गाँवों वालों से खेताब था जिन पर न नमाज़े ईद वाजिब थी और न नमाज़े जुम्मा फ़र्ज़! बरकत के लिए नमाज़े जुम्मा और ईद पढ़ने के लिए शहर आ जाया करते थे लेहाज़ा उनका ये फरमान इस हदीस के खेलाफ़ नहीं! 

दूसरा ये के ईद और जुम्मा का इज्तेमा मनहूस नहीं जैसा के आज कल जोहला ने ये समझ रखा है बल्के इसमें दो बरकतों का इज्तेमा है और हुज़ूर सल्लाहो अलैहि वसल्लम के ज़माने में ऐसा हुआ है! 

तीसरा ये के एक सूरत दो नमाज़ों में पढ़ना बिल्कुल सही है लेहाज़ा ईद और जुम्मा मुबारक एक दिन में जमा हों तो उसे मनहूस नहीं समझना चाहिए के ये सिर्फ़ बदशगुनी है और बदशगुनी इस्लाम धर्म में मना है जैसा कि हदीसे पाक में है जिसने बदशगुनी ली और जिसके लिए बदशगुनी ली गई वो हम में से नहीं है यानी हमारे तरीके पर नहीं है!

Final Words From Author:

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपको मेरा ये पोस्ट Eid Ul Fitr Namaz Ka Tarika In Hindi बेहद पसंद आई होगी! अल्लाह ताला से दुआ है के हम सब को ईद की बहुत बहुत खुशियाँ मनाने की तौफ़ीक़ अता फरमाए और हमे आपस में ख़ूब ख़ूब उल्फ़त और मोहब्बत अता फरमाए आमीन! तो इस बेहतरीन पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें और उन्हें भी पढ़ने का मौक़ा दें! आख़िर तक हमारे साथ बने के लिए आपका शुक्रिया!

Eid Ki Namaz Ka Tarika In Hindi Eid Ki Namaz Ki Niyat Eid ul fitr ki namaz ka tarika Eid ul fitr ki Niyat Eid ul fitr Namaz Ka Tarika In Hindi
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